स्नेह और आशीर्वाद के साथ

30 जुलाई 2009

मिल लीजिये हमारे साथियों से भी

हमें बहुत अच्छा लग रहा है आप लोगों से बात करके। हमें कई बार दिन में या फिर रात में पिताजी या फिर मम्मी बतातीं हैं कि आप लोगों ने क्या कहा। हमें बहुत मजा आता है अपने बारे में आपका स्नेह और प्यार देखकर।
हमारी बात को आप तक पिताजी या फिर मम्मी कभी-कभी पहुँचा देते हैं। आप लोग चिन्ता न करिएगा। हमने आपको बताया ही था कि हमने कम्प्यूटर चलाना सीख ही लिया है। हम जल्दी ही आप लोगों से खुद बात कर लिया करेंगे।
अभी होता ये है कि ज्यादातर समय या तो पिताजी कम्प्यूटर पर काम करते रहते हैं या फिर चाचा। हमें तो मौका ही कम मिलता है। इस कारण से हम अपने दोस्तों के साथ खेलते रहते हैं।
मोहल्ले में तो दोस्त हैं पर हर समय घर से बाहर भी तो नहीं खेला जा सकता है। जब बाहर खेलने को मिलत है तो अपने दोस्तों के साथ खेलते हैं और जब बाहर जाने को नहीं मिलता है तब हम अपने घर के दोस्तों के साथ खेलते हैं।


घर में हमारे साथ खेलने में दादी बराबर साथ रहतीं हैं। चलिए अब बातें कम, हम आपको अपने दोस्तों से मिलवा दें।
ये है पढ़ने वाली गुडिया। अपने हाथ में किताब लेकर ये ए बी सी डी भी पढ़ती है और जब किताब का पन्ना पलट दो तो यह एपल, बेबी, केमल आदि के बारे में बताने लगती है।


ये छोटा सा प्यारा सा भैया है। इसके हाथ में एक छोटा सा बटन लगा है जिसको हलके से दबाने से यह गाना गाते हुए चलना शुरू कर देता है। आपको बतायें पहली बार तो इसकी हरकत देखकर हमें डर लगा था पर अब नहीं लगता है।


ये दो बच्चों का सी-सा झूला है। चाबी भर दो फिर देखो इनका झूलना। बड़ा मजा आता है। हम अभी तक सी-सा पर नहीं झूले हैं। अभी दो महीने पहले कानपुर गये थे। वहाँ हम लोग बच्चों के एक पार्क में भी गये थे। वहाँ कई झूलों में झूले किन्तु सी-सा न होने के कारण उसमें झूलने को नहीं मिला।


और भी बहुत से खिलौने हैं जो हमारे साथ बड़े ही प्यार से खेलते हैं। हमें भी इनके साथ खेलने में बड़ा मजा आता है।

अभी आप लगे हाथ वीडियो भी देख लीजिये -

1 टिप्पणी:

रंजन (Ranjan) ने कहा…

अच्छे दोस्त है तुम्हारे..

प्यार..