अब आप ही देखिए, कैसे हमें कभी आँगन में तो कभी कमरे में वाइपर करना पड़ रहा है। हमें तो कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाये? इस चक्कर में न तो टीवी देख पा रहे हैं और न ही कहीं घूमने जा पा रहे हैं। और तो और कभी कभी हम चुपचाप पढ़ भी लिया करते थे, अब पढ़ भी नहीं पा रहे हैं।
हमने चुपके से चाचा को दो तीन बार फोन भी कर दिया है। अभी चाचा बाहर हैं, जब चाचा बापस आयेंगे और सबको डाँट पड़ेगी तब मजा आयेगा। तब हम कहेंगे और करवाओ बच्चे से काम।
अभी चलते हैं हमारा छोटा बेबी, अरे आप लोग भूल जाते हैं, हमारी छोटी बहिन, इस समय रोने लगा है। चलें उसे थोड़ा सा प्यार कर लें और चुप भी करा दें। घर में तो कोई उस छोटे से बच्चे को खिला ही नहीं पाता है।