स्नेह और आशीर्वाद के साथ

01 अक्तूबर 2009

हम हैं मुंबई की सैर पर

इन दिनों हम अपनी बुआ के पास मुंबई में हैं. तीन दिन पहले हम यहाँ आये थे. मुंबई के बारे में हम अभी ज्यादा कुछ जानते तो हैं नहीं, न ही कुछ ज्यादा सुन रखा था. बस ये मालूम था कि मुंबई देश की मायानगरी है.
मुंबई आये ट्रेन से और स्टेशन पर लेने आये हमारे बुआ और फूफा. जैसे ही चले मुंबई की असली तस्वीर दिखी. भयंकर जाम लगा था. हम लोगों को बस 100 मीटर की दूरी से मुड़ना था पर उसी एक ज़रा से मोड़ के लिए लगभग आधा घंटा जाम में फंसे रहे. बाद में जैसे तैसे निकले और घर आ गए. अगले दिन हम थकान के मारे सोते रहे. पूरा एक दिन तो हम लोगों का ट्रेन में बीता फिर एक दिन घर में. हम तो बुरी तरह बोर हो गए थे. खीज के मारे रोना भी शुरू कर दिया था.
आज अपनी बुआ के साथ घूमने गए. पास में बने एक मॉल में गए. घर से बाहर निकलने के कारण हमें बहुत अच्छा लग रहा था. मॉल में हम खूब घूमे, खूब मजा किया. बहुत अच्छा लगा. अब हम बहुत खुश हैं.
अभी हम दो-तीन दिन यहाँ रुकेंगे, कल हमारे फूफा जी की छुट्टी है तो कल उनके साथ मुंबई पूरे दिन घूमेंगे. यदि मौका मिला तो यहाँ की और बातें बताएँगे.

1 टिप्पणी:

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

आजकल बहुत से ब्लोगर मुम्बई यात्रा पर है। मुम्बई है ही मनमोहक! अब आ ही गऍ तो गिरगाव चोपाटी, जुहू चोपाटी, जाकर भेलपुरी/ आइसक्रिम, पावभाजी खाना नही भुले। भुआजी को कहना वाटरपार्क भी घुमा लाऍ।

आभार/शुभमगल