नमस्कार, हम आज से अपना ब्लाग लिखना शुरू कर रहे हैं। ऐसा हम अपने पिता और माँ की सहायता से कर रहे हैं। हमारा जन्म तो पिछले वर्ष 7 मई को हुआ था, उस समय भी सोचा था कि आप सभी से अपनी मीठी-मीठी बातें बाँटते चलें। एक-दो बार मन किया पर लगा कि अभी सही समय नहीं है क्योंकि शुरू के कुछ दिन तो घर के लिए होते हैं जब बाबा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची आदि हम जैसे छोटे बच्चे की एक-एक हरकत पर आनन्दित होते हैं। यही सोच कर कि पहले एक वर्ष की अपनी शरारतों का आनन्द घर वालों को उठाने देंगे उसके बाद ब्लाग पर लिखना शुरू करेंगे।
आज मौका भी है, हमारी सालगिरह भी निकले दो माह होने को आ रहे हैं फिर आज ही हमें क्यों सूझी कि कुछ अपने बारे में भी लिखा जाये। तो आपको बता दें कि आज हमारे बुआ-फूफा (पूजा-मोहित) की शादी की सालगिरह है। सोचा अपनी न सही अपने बुआ-फूफा की किसी सालगिरह पर तो ब्लाग लिखने की शुरूआत की जा सकती है।
हमारे बुआ-फूफा हमें कुहुक नाम से बुलाते हैं। बुआ ने तो हमारा नाम हमारे होने से कई वर्ष पहले रख दिया था, ठीक वैसे ही जैसे कि हमारे बड़े चाचा ने हमारे होने से पहले हमारा नाम परी रख दिया था। चलिए आज के लिए इतना ही सही...शेष तो मिलना होता रहेगा।
बुआ-फूफा को शादी की सालगिरह की शुभकामनायें उनकी प्यारी कुहुक की ओर से।