पहचानिए ये कौन है?..........
नहीं पहचाने...?
ये हैं...
ये हैं.......
अरे! ये तो हम हैं.......
क्या, आप लोग हमें ही नहीं पहचान पाए?
हम कोई लुका-छिपी का खेल नहीं खेल रहे हैं। ये तो हम गर्मी से, धूप से बचने के लिए बांधे हैं।
ये देखिये, अब हमने अपना चेहरा दिखा दिया.... देखा हम ही हैं!!!
गर्मी में बहुत जरूरी हो जाता है कपडा मुंह पर, सर पर बाँध कर रखना.... आप भी बाँधा करिए।
हाँ, कपडे के अलावा हम कभी-कभी सर पर अपनी टोपी भी लगा लेते हैं......देखिये कितना सुन्दर हैट है। अच्छा है?
वो अभी बहुत छोटी है, इस कारण मुंह पर कपड़ा नहीं बंधवाती है... पर टोपी पहन लेती है....
देखो कितनी खुश भी है, इसे लगा कर....
एक बात और बताएं.... हम अकेले कपडा या टोपी से ही बचाव नहीं करते............
हम खूब सारा पानी भी पीते हैं.... हमारी एक बोतल अलग से है.... पहले इसमें हमारे लिए निम्बू पानी आया था... जब उसको ख़तम कर लिया तो उसी में हमने अपना पानी भर लिया।
अब सारा दिन पीते रहते हैं......
अब हम दोनों बाज़ार जाने की तैयारी में हैं...........एक साथ...
हां आप भी बाज़ार जाइए या धूप में घर से बाहर निकालिए तो सर और मुंह को जरूर ढँक लीजिये... ये अकेले बच्चों के लिए नहीं है....बड़ों को भी ऐसा करना चाहिए.....
आप सब करेंगे ऐसा...........ठीक... अब चलें...
6 टिप्पणियां:
बडे काम की बातें बतायी !!
are wow !!!!!!!!!
bahut sundar dikh rahi ho
आप तो बहुत समझदार हो...बधाई.
______________
'पाखी की दुनिया' में 'वैशाखनंद सम्मान प्रतियोगिता में पाखी' !
बहुत उपयोगी!
ha ha ha bahut achchhe.. Happy B'day hai aaj bittu ka
आकर्षक और उपयोगी होने के कारण
इस पोस्ट को चर्चा मंच पर
"आज ख़ुशी का दिन फिर आया"
के रूप में सजाया गया है!
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