स्नेह और आशीर्वाद के साथ

18 मई 2010

हमने अक्षया तृतीया को फिर से मनाया अपना जन्मदिन


हमने इस वर्ष अपना जन्मोत्सव दोबारा मनाया। जी हाँ, आपको आश्चर्य तो हो रहा होगा किन्तु चौंकिये नहीं यह एकदम सत्य है। इसी महीने 07 मई को हमारी दूसरी वर्षगाँठ मनाई गई थी और फिर 16 मई को भी दूसरी वर्षगाँठ मनाई गई।

नहीं, कोई गलती नहीं हुई, दरअसल हुआ यह है कि हम हिन्दी महीनों के हिसाब से अक्षया तृतीया को हुए थे और अंग्रेजी महीनों के अनुसार 7 मई को। इस कारण पहले 7 मई को जन्मदिन मनाया गया और जब 16 तारीख को अक्षया तृतीया पड़ी तो फिर से मनाया गया।

अक्षया तृतीया को हम अपने नाना-नानी के घर पर इलाहाबाद में थे और वहीं शाम को घर में नाना, नानी, मामा, मामी, मौसी और हमारी मम्मी ने मिलकर छोटी सी पार्टी रख ली। हाँ, एक बात और आपको बतायें कि इस पार्टी में हमारा छोटा सा भइया (हमारे मामा-मामी का छोटा सा बेबी) भी था। वह अभी इतना छोटा है कि उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।

हमने तो अभी हाल ही में केक काटा था तो जैसे ही मेज पर मामा ने केक रखा हम समझ गये कि हमें केक काटना है। हमने अबकी बार तो बड़े अच्छे तरीके से केक काटा।

अभी फोटो बनकर नहीं सकीं हैं, इस कारण से आपको फोटो नहीं दिखा पा रहे हैं। जल्दी ही मिल जायेंगे तब आप सभी को अक्षया तृतीया वाले दिन मनाई गई पार्टी की फोटो भी दिखायेंगे।

1 टिप्पणी:

रंजन ने कहा…

एक बार फिर से प्यार लेलो..

प्यार..