स्नेह और आशीर्वाद के साथ

21 नवंबर 2010

इधर हम व्यस्त हैं बहुत -- काम अधिक जो है

इन दिनों हम बहुत ही व्यस्त रहे। पहले तो जैसा कि आपको पता ही है कि हमारे पिताजी का चुनाव चल रहा था। इसके तुरन्त बाद हमारी पूजा बुआ जी लखनउ से आ गईं। उनके आने पर हमें बहुत ही अच्छा लगा।

आपको पता है कि उनके आने पर हमें बहुत अच्छा क्यों लगा? नहीं पता न, तो हम बता देते हैं। उनको इसी जून में बिटिया हुई हैं और आपको पता है, दो-दो यानि कि जुड़वां बेटियां हुईं हैं। हम तो उन्हीं के साथ खेलने को लेकर बहुत खुश थे।

पूजा बुआ हम लोगों के साथ तीन दिनों तक रहीं फिर उन्हें बापस जाना था। जिस दिन वे वापस लौटी उसी दिन हम भी अपनी सबसे बड़ी बुआ जी के पास कानपुर आ गये। दिनांक 17 नवम्बर को।

कानपुर आने का कारण हमारी बड़ी बुआ जी का ऑपरेशन होना था। अब वे एकदम ठीक हैं और हॉस्पिटल से घर भी बापस आ गईं हैं। कानपुर हमारा जल्दी-जल्दी आना हुआ इस कारण अपना कैमरा नहीं ला सके। इस कारण से इस बार आपको फोटो नहीं दिखा पा रहे हैं।

पूजा बुआ की जुड़वां बेटियों की भी फोटो हम आपको कानपुर से लौटने के बाद दिखायेंगे।

तब तक नमस्कार।


अगली फोटो तक आप हमारी इस स्टायलिश फोटो को ही देख लीजिये

02 नवंबर 2010

आज से ही आप सभी को दीपावली और धनतेरस की शुभकामनायें --अक्षयांशी

आज आप लोगों से बहुत दिनों बाद मिलना हुआ। इसका एक कारण तो हमारे घर में व्यस्तता का माहौल बना होना है।

आप
सभी को मालूम ही हो गया होगा कि इन दिनों हमारे पिताजी विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं और उनके कारण ही घर में शेष लोग भी किसी न किसी रूप में उनकी मदद को लगे रहते हैं। इस कारण से हमें भी मौका नहीं मिला कि आप लोगों से बात कर लेते।




आज
समय निकाल कर आपसे बात करने इस कारण से और आ गये कि कम से कम दीपावली के पर्व पर तो आप सभी लोगों का आशीर्वाद ले लें और अपनी शुभकामनाएं दे दें।



ये चित्र गूगल छवियों से साभार

कल धनतेरस है, सभी लोग कुछ न कुछ सामान खरीदेंगे। कल हम भी पिताजी से जिद करेंगे कि थोड़ा सा समय निकाल कर बाजार चलें। कल हम पिताजी को जरूर बाजार ले जायेंगे और कुछ न कुछ सामान जरूर खरीदवायेंगे।
चलिए कल की कल से रही आप सभी को दीपावली और धनतेरस की शुभकामनाएं।