स्नेह और आशीर्वाद के साथ

26 जुलाई 2011

हमने बना लिया अपना सुन्दर सा घर

हमें अपने पिछले जन्मदिन पर ब्लोक गेम्स मिले थे। कुछ तो सरल थे और कुछ कठिन। अब हम बड़े हो गये हैं और कुछ ब्लोक गेम्स बनाने भी लगे हैं।



इन्हीं में से एक से घर बनाया जाता है। घर बनाना बहुत कठिन है पर इस बार हमने अपनी मम्मा की मदद से अपने ब्लोक घर को बना लिया। घर बनाकर उसके आगे एक छोटा सा गुड्डा भी खड़ा कर दिया है।



आपको बता दें कि हमने अपने घर को बनाकर अपने खिलौनों की अलमारी में सजा दिया है। अभी कुछ दिन तो सजा कर रखेंगे फिर उससे कोई दूसरी चीज बनायेंगे। इससे बहुत सी चीजें बन जाती हैं।




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सारे चित्र हमारी मम्मा ने कैमरे से खींचे हैं

21 जुलाई 2011

कछुआ के साथ आया बहुत मजा

हमारे पड़ोस में रहने वाले शिवा भैया अभी एक दिन कछुआ लेकर आये। हमने तो पहली बार इसे देखा था। हमें बहुत अच्छा लगा इसे देखकर।


शिवा भैया ने कछुआ को पानी से बाहर निकाल कर जमीन पर रखा तो यह धीमे-धीमे चलने लगा। हमें उसे देखकर बहुत खुशी हो रही थी। हमें तो यह एकदम अपने खिलौनों जैसा लगा।


हमने उसे चलते देखा और उसे अपने हाथों में उठा लिया। हमने जब उसे हाथ में लिया तो हमें बिलकुल भी डर नहीं लगा। हमने उस दिन उस कछुआ के साथ खूब खेल खेले।


सच्ची हमें पहली बार भी उसे देखने के बाद, उसे अपने हाथ में लेने के बाद भी बिलकुल डर नहीं लगा।