स्नेह और आशीर्वाद के साथ

22 नवंबर 2012

बुआ की सगाई में खूब हुई मस्ती



अभी हम सभी लोग अपनी बुआ की सगाई वाले कार्यक्रम में भोपाल गए थे. वहां एक होटल में कार्यक्रम रखा गया था. हम सभी लोग वहां खूब तैयार होकर पहुंचे थे.
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 जब वहां अन्दर पहुंचे तो एक चीज़ देखकर बहुत ही अच्छा लगा वहां खूब सारे गुब्बारे लगे हुए थे...खूब सारे लाल रंग के और खूब सारे सफ़ेद रंग के..हमने और हमारी छोटी बहिन ‘पलक’ ने खूब गुब्बारे फोड़े..
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उधर बुआ की सगाई का कार्यक्रम चल रहा था..इधर हम दोनों बहिनों ने मिलकर खूब गुब्बारे फोड़े..सच्ची बहुत मजा आया....



 हम दोनों ने मिलकर खूब आइसक्रीम भी खाई 





27 सितंबर 2012

आँखों, नाक, मुंह, पैरों वाला आम देखा है आपने


आजकल हमारे टेस्ट चल रहे हैं...अभी तक सभी टेस्ट बढ़िया हुए हैं. आज ड्राइंग का टेस्ट था. स्कूल में हमें इस टेस्ट में आम रंगने के लिए दिया गया था.

एक सफ़ेद कागज़ पर आम हमारी मैडम जी ने बना दिया था..और फिर हम सभी बच्चों को उसमे रंग भरना था. हमने भी उसमे रंग किया था...आम में पीला और आम की पत्ती में हरा...

सबसे मजेदार बात ये रही कि हमारी मैडम जी ने आम के चित्र में आँखें बना दी थीं...मुंह बना दिया था..स्कूल में हमने उसे अच्छे से रंग दिया था. वैसा ही एक पेपर घर के लिए भी मिलता है.. आज भी मिला था..उसमे भी मैडम जी ने आम की आँखें, मुंह बना दिया था.

घर आकार हमने सबको अपना टेस्ट में मिला पेपर दिखाया फिर उसमे बने आम को रंगने बैठ गए...पूरा आम रंगने के बाद हमने आम की आँखों के ऊपर भौंहें बना दीं...नाक बना दी....बाद में उसके पैर भी बना दिए...मुंह के अगल-बगल छोटे-छोटे कान भी बना दिए..हा हा हा बहुत प्यारा लगने लगा है आम..

देखिये..अब ये आम कैसा लग रहा है..हा हा हा

19 सितंबर 2012

कल से शुरू हमारे टेस्ट - हमारा पहला टेस्ट


            नमस्ते, आज अपनी जबरदस्त पढ़ाई के बीच से ही आपको अपने बारे में कुछ बताने के लिए यहां आये हैं। आप सभी को बताया था न कि अब हम स्कूल जाने लगे हैं। हमारा एडमीशन नर्सरी में करवाया गया है। स्कूल में हम बहुत अच्छे से पढ़ते हैं और अभी तक जो भी पढ़ाया गया है, वह हमको घर में पहले से ही हमारी मम्मी ने पढ़ा रखा है। इस कारण से हमें स्कूल में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। 

            अब जो कुछ हमें याद है और जो कुछ भी हम लिख लेते हैं, उसको जांचने का समय आ गया है। नहीं समझे आप लोग.....!! अरे, कोई विशेष बात नहीं है। कल 20 तारीख से हमारे स्कूल में हम सभी बच्चों के टेस्ट शुरू होने वाले हैं। आज उसी की ही तैयारी में तो लगे रहे। कल अंग्रेजी का टेस्ट है। पहले लिखकर टेस्ट देना होगा उसके बाद बड़ी मैडम जी आकर हम बच्चों से पूछेंगी। मतलब पहले लिखकर टेस्ट दो, फिर बोल-बोलकर।

            हमने खूब अच्छी तरह से अपना सारा काम याद कर लिया है। घर पर भी हमने खूब तैयार कर ली है। हमें अच्छे से पता है कि हमारे खूब अच्छे, खूब सारे नम्बर आयेंगे। ठीक, तो हम चल रहे हैं। कल लौट कर आयेंगे तब बतायेंगे कि हमारा पहला टेस्ट कैसा रहा। अभी तक तो हमने कोई भी एक्जाम नहीं दिया है। अभी हमें पता ही नहीं है कि एक्जाम होता क्या है, इस कारण से तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि क्या होगा इसमें? चलो देखते हैं कल सुबह स्कूल जाकर।

05 सितंबर 2012

शिक्षक दिवस पर अपनी टीचर को बोला 'हैप्पी टीचर्स डे'


            आज सुबह-सुबह स्कूल जाने के लिए मम्मा हमें तैयार कर रहीं थीं तभी हमारे पिताजी ने कहा कि आज आपको स्कूल में अपनी मैडम जी से कुछ कहना पड़ेगा। हमारी तो समझ में ही नहीं आया कि हमें क्या कहना पड़ेगा। आज तो कविता सुनाने का, गीत सुनाने का दिन भी नहीं है फिर क्या कहना, क्या सुनाना पड़ेगा

            अभी हम अपना छोटा सा दिमाग और दौड़ाते उससे पहले ही हमारे पिताजी ने हमें बताया कि आज शिक्षक दिवस है और अपनी सभी मैडम को हैप्पी टीचर्स डेकहना। इसके बाद हमारी मम्मा ने भी हमें बताया कि आज का दिन हम क्यों इस रूप में मनाते हैं। हमने खुश होकर याद कर लिया कि हमें अपनी टीचर जी से क्या कहना है। यह हमारा पहला अवसर था जब हम अपने स्कूल में जाकर अपनी मैडम जी से ऐसा कुछ कहते।

            हम अपने स्कूल गये। हमने सबसे पहले अपनी क्लास टीचर जी को हैप्पी टीचर्स डे बोला तो उन्होंने प्यार से हमारे सिर पर हाथ फेरा और उसके बाद हमें थैंक्यू भी बोला। हमें बहुत अच्छा लगा। इसके बाद हमारी मैडम ने हमें गुलाब का फूल दिया और कहा कि अपनी दूसरी मैडम को भी देकर ऐसा बोल आओ। हमने अपनी दूसरी मैडम को भी फूल देकर ऐसा बोला। उन्होंने भी हमें बहुत प्यार दिया।

            हमें हमारे स्कूल की सभी मैडम बहुत प्यार करती हैं। हमने भी और दूसरी टीचर्स को हैप्पी टीचर्स डे बोला और फिर अपनी क्लास में आ गये। आज टीचर्स डे होने के कारण क्लास में पढ़ाई के साथ-साथ हम सभी बच्चों को खेल भी खिलाये गये। बहुत-बहुत मजा आया आज तो स्कूल में।

09 अगस्त 2012

स्कूल में मिला हमे वेरी गुड, स्टार, अंगूर


          आप सभी को ये तो हमने बताया ही था कि हम अब स्कूल जाने लगे हैं। हमारा एडमीशन हमारे घर के पास बने एक बहुत अच्छे से स्कूल में करवा दिया गया है। शुरू में एक-दो दिन तो हमें बहुत बुरा लगा था स्कूल जाने में....वहां जाकर थोड़ा सा रोये भी थे....बहुत नहीं बस थोड़ा सा।
          स्कूल जाना हमें कभी भी खराब नहीं लगा और न ही हमने किसी दिन जाने के लिए मना किया पर पता नहीं क्यों वहां अन्दर पहुंचकर थोड़ा-थोड़ा खराब लगने लगता था। अब कई दिन हो गये हैं स्कूल जाते-जाते तो हमें वहां अब बहुत मजा आने लगा है।
          वहां हमको घर पर करने के लिए काम भी मिलता है। अभी स्कूल में कम-कम लिखने को दिया जा रहा है। आपको पता है, हमारी मम्मी ने हमें स्कूल में भेजने के पहले ही पूरी ए, बी, सी, डी सिखा दी थी; हिन्दी में भी अ, , , ई सिखा दिया था, , , ग और च, , ज तक...इसके अलावा गिनती भी पूरे 20 तक सिखा दी थी। सब कुछ लिखना भी पढ़ना भी। अभी स्कूल में किसी दिन सिर्फ 1 लिखने को मिलता है, तो किसी दिन सिर्फ अ...कभी सिर्फ ए...और ये सब हमें बहुत अच्छे से आता है तो हम घर में और स्कूल में फटाफट कर लेते हैं।
          आज हमारी स्कूल की मैडम जी ने हमारी घर के काम की कॉपी को चेक किया तो उसमें उन्होंने वेरी गुड भी दिया। बहुत अच्छा लगा..इसके साथ ही उन्होंने अपने रेड पेन से हमारी कॉपी में हमारे लिए अंगूर बना दिये, आइस्क्रीम बना दी और एक कॉपी में स्टार बना दिया। सच्ची..बहुत मजा आया देखकर। अब हम और अच्छे से अपना काम करेंगे, जिससे और बहुत सारे गुड मिलें, वेरी गुड मिलें...।