स्नेह और आशीर्वाद के साथ

09 जनवरी 2012

हमने बना दिया अपने पिताजी का स्केच

आपको हमने पहले भी एक बार बताया था कि हमको पेंटिंग करने का बहुत शौक है। हमने आपको अपनी पेंटिंग भी दिखाई थी। यह शौक कुछ तो हमें अपने पिताजी के कारण से है और थोड़ा बहुत अपनी सामने वाली रंगोली दीदी के कारण भी है। वे बहुत ही अच्छी पेंटिंग करती हैं।

आज हम उन्हीं के घर पर बैठे हुए थे। खेलकूद के दौरान ही हमें उनके घर में एक डायरी और पेंसिल हाथ लग गई। कागज और पेंसिल देखकर मन में कुछ चित्र बनाने का विचार हो गया। बस फिर क्या था....हमने इधर-उधर की चित्रकारी करने की बजाय अपने पिताजी के चेहरे का चित्र बना दिया।


(चित्र हमने ही बनाया है)


उनके बड़े-बड़े बाल भी बनाये और उनकी घनी-घनी मूंछें भी बना दीं। देखना आप सब लोग कितनी बढ़िया लग रही है उनकी फोटो। उनको भी दिखाई और घर में सभी को तो सब खूब हंस रहे थे।

अब आप लोग भी देख लो इस हमारी बनाई फोटो को और बताइयेगा कि इसको देखकर हंसने की क्या बात है? हमारी तो समझ में नहीं आ रहा है कि इस चित्र को देखकर सभी लोग क्यों हंस रहे थे। और तो और हमारे पिताजी भी अपने इस चित्र को देखकर हंसे और हमें खूब शाबासी दी।


01 जनवरी 2012

बारिश के कारण नए साल की मस्ती घर के अन्दर ही

नया वर्ष 2012 आया और साथ में अपने साथ लाया खूब सारी बारिश। कल दोपहर बाद से ही जमकर बारिश हो रही है और अभी तक भी हो रही है। इधर हमारे चाचा-चाची और छोटी बहिन पौची भी घर आये हुए थे तो सोचा था कि खूब मस्ती होगी पर...।

पानी बरसने के कारण से ठंड भी एकदम से बढ़ गई है और हमें सभी ने घर के अन्दर बने रहने को मजबूर कर दिया है। आज सुबह से तो वो पानी गिरा कि कुछ पूछो ही नहीं। एक मिनट को भी नहीं रुका है। अब ऐसे में कहां जायें खेलने के लिए।

वैसे हम रोज सुबह अपनी दादी के साथ पड़ोस वाली दादी के घर चले जाते हैं। उनके घर में एक बकरी का बच्चा है। हमें उसके साथ खेलने में बहुत ही मजा आता है पर आज तो वहां भी नहीं जा पाये।

खैर...हमारे नये वर्ष का अभी तक का दिन तो घर में खेलते-खेलते ही निकला है। अब पानी गिरना कुछ बन्द हुआ है तो देखो शाम तक हम अपनी छोटी बहिन और दादी के साथ मोहल्ले में खेलने के लिए जायेंगे।

आप सभी को नववर्ष की शुभकामनायें।