स्नेह और आशीर्वाद के साथ

08 अप्रैल 2012

पार्टी, मोबाइल और हमारा स्टाइल से बात करना

अभी पिछले महीने हमारे पड़ोस की बगल वाली दीदी की शादी थी। शादी के कुछ दिनों के बाद उनका अपनी ससुराल से वापस आना हुआ। वे कुछ दिन अपने घर में रही फिर उनको विदा करवाने के लिए उनके पतिदेव यानि कि हमारे जीजा जी आये।

मोहल्ले के आसपास के घरों में दीदी हम सभी से बड़ी हैं, इस कारण से हम सभी बच्चे लोग अपने जीजा जी के पीछे पड़ गये पार्टी के लिए। बस फिर क्या था, जीजा जी भी नये-नये थे, हम सभी के चक्कर में फँस गये बेचारे और ले गये एक होटल में पार्टी के लिए।



हम सभी ने वहाँ जम कर हंगामा किया, मस्ती की और खूब जी भर के बढ़िया-बढ़िया व्यंजन चखे। इसी पार्टी के दौरान हमारा मोबाइल बज उठा। अब किसी ने फोन किया है तो बात तो करनी ही थी, सो हमने भी बात की।



हमारे बात करने के दौरान ही किसी ने हमारी फोटो खींच ली। अब हम थोड़े से स्टाइल में बैठे बात कर रहे थे तो इसमें हँसने की क्या बात? घर पर लौट कर जिसने भी हमारी इस फोटो को देखा, वो बहुत हँसा। हमारी मम्मा ने भी ये फोटो बहुत लोगों को दिखाई।

अब हमने सोचा कि आप लोगों को भी ये फोटो दिखायें और पूछ लें कि यदि हम स्टाइल में बैठे बात कर रहे हैं तो क्या जोकर दिख रहे हैं? क्या इसमें हँसने वाली बात है?


(विशेष-एक विशेष बात आपको यह बतानी है कि हमारे दादी, पिताजी, मम्मा लोग हमको असली मोबाइल छूने भी नहीं देते हैं। इस कारण हम अपने पर्स में एक खिलौना मोबाइल रखते हैं। उसी से कभी-कभी स्टाइल दिखाने के लिए झूठमूठ की बात करनी शुरू कर देते हैं।)

2 टिप्‍पणियां:

ram krishna ने कहा…

ha ha ha nice pic akshayanshi ji be happy nice style..:)

रुनझुन ने कहा…

अरे नहीं आपकी स्टाइल तो सचमुच निराली है... इसमें हंसाने वाली कोई बात नहीं... बल्कि ये तो खुश होने वाली बात है....:)