स्नेह और आशीर्वाद के साथ

04 नवंबर 2009

मौके का उठाया फायदा - झूला झूल कर

इस महीने की पहली तारीख को हमारी छोटी बहिन अपने नाना के घर चली गई तो अकेले में हमें बहुत ही खराब लग रहा है। घर में हम एकदम अकेले हो गये हैं। वैसे सारा दिन हम उसी के साथ खेला-कूदा करते थे।
वैसे वह अभी बहुत ही छोटी है, इस कारण हमारे साथ भागदौड़ तो कर नहीं पाती है पर लेटे-लेटे ही साथ में खेल लिया करती थी।
एक बात इस दौरान मजेदार भी हुई। हमें अपने छोटे में झूले में लेटने की बात तो याद है नहीं और न ही ये पता है कि झूले में लेटने का क्या मजा है। अब जबकि हमारी छोटी बहिन घर पर नहीं है तो हमने मौका देखकर झूले में लेटने का आनन्द उठा लिया।
वैसे हमारे लिए दूसरा झूला आँगन में टाँग दिया गया है। दिन में जब भी हमें मौका मिलता है उसी में झूल लेते हैं।


1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

वाह बेटू, खूब खेलो!!