स्नेह और आशीर्वाद के साथ

11 मार्च 2010

हमारी 50 वीं पोस्ट पर मिलिए हमारे मुनमुन से

आपको बताया था कि अब हम नेता बनने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए काम भी उस तरह के करने होंगे जैसे कि नेता लोग करते हैं। जैसे समाजसेवा, पशु-पक्षी प्रेम आदि-आदि।

हमें तो पहले से ही जानवरों से बहुत प्यार रहा है। हमारे घर के पास के दूसरे घरों में बकरी है, कुत्ता है, खरगोश है, सफेद चूहा भी है, गाय-भैंस भी हैं, बिल्ली भी है, तोता भी है। हमें हमारी दादी इन्हें दिखाने के लिए ले जातीं हैं। हमें बहुत ही अच्छा लगता है।


आपको पहले एक बार बताया था अपने मुनमुन के बारे में। मुनमुन हमने बकरी के बच्चे का नाम रखा है। उसके साथ हम खूब खेलते थे, अब तो वह बहुत बड़ा हो गया है। हमारे मम्मा-पिताजी ने फिर बाजार से एक खिलौने वाला मुनमुन लाकर दिया, बिलकुल हमारे असली मुनमुन जैसा।


उस नकली मुनमुन से खेलने में बड़ा ही मजा आता है। उससे खेलते हैं तो अपने असली मुनमुन की बहुत याद आती है।

अरे ये देखो, कल एक असली कुत्ते का बच्चा गया। हमें तो बहुत ही अच्छा लगा। देखो-देखो हमने कैसे उठा रखा है।



वो भी हमारे साथ बड़े मजे से खेलने में लगा था।

1 टिप्पणी:

Dr.Aditya Kumar ने कहा…

maja aa gaya munmun se mil kar.