इस बार हमने खुद राखी बाँधी, देखिये
गाँठ बाँधने में मम्मी ने मदद कर दी थी पर टीका हमने लगाया और राखी भी कलाई पर हम ही ने रखी और बाँधी। गाँठ लग जाने के बाद हमने देखा सही से कि गाँठ ठीक बाँधी है मम्मी ने या नहीं।
राखी बाँधने के बाद हमने सानू भाई जी को मिठाई भी खिलाई।
हमसे मिठाई खाने के बाद सानू भाई जी ने हमें भी मिठाई खिलाई।
हमारी छोटी बहिन पलक ने भी सानू भाई जी को राखी बाँधी। ये देखो चाची उसकी मदद कर रही हैं, टीका लगाने में। अरे अभी पलक छोटी है न।
चाची ने उसका हाथ पकड़ के रखी बंधवा दी। देखो पलक खुश भी लग रही है। इस साल तो चाची ने उसकी मदद कर दी पर अगले साल वो हमारे साथ ही मिल कर अपने आप राखी बाँधा करेगी।
इस वर्ष के बाद अब अगले वर्ष का इंतज़ार है।