कल यानि कि 31 जुलाई को हमारी छोटी बहिन-जिसके बारे में हम आपको बताते भी रहते हैं-जी हाँ पौच जी, हाँ, उसी पौच जी का कल जन्मदिन था। कल हमारी बहिन पूरे एक वर्ष की हो गई है।
हमने उसको सुबह-सुबह ही कहा था हेप्पी बरडे तू यू
उसकी पहली वर्षगाँठ हमने घर पर ही मिलजुल कर मनाई। सुन्दर सा केक बनवाया गया था, जिसमें एक बहुत सुन्दर सी झोपड़ी बनी हुई थी।
बाबा ने पलक को अपनी गोद में ले लिया और फिर उससे केक कटवाया।
उसको केक काटते देखकर हमें भी अपनी सालगिरह की याद आ गई। हमने भी दादी से केक काटने के लिए कहा तो दादी ने पलक के केक काटने के बाद हमसे भी केक कटवाया।
उसके केक काटने के बाद हमारी दादी, बुआ, मम्मी, पिताजी, चाचा ने और भाईजी, दीदी लोगों ने पलक का टीका कर उसको आशीर्वाद दिया।
आखिर में चाचा और चाची ने भी उसको अपनी गोद में लेकर फोटो खिंचाई।
और आप तो पौच जी को देखो कैसी स्टायल मार रही थी केक कटने के पहले सुन्दर सी ड्रेस में।
4 टिप्पणियां:
achchha akele-akele mana liya aur hamen batay bhi nahin.
केक तो बहुत सुन्दर था.. तुमने खाया?
प्यार.
शुभकामनाये
बड़ा प्यारा केक है...बधाई.
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'पाखी की दुनिया' में 'लाल-लाल तुम बन जाओगे...'
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