स्नेह और आशीर्वाद के साथ

03 नवंबर 2009

हम निकले आज घूमने के लिए

आज बहुत दिनों बाद आप लोगों से बातचीत हो रही है। इधर हम मुम्बई से आने के बाद घर के कामों में ज्यादा व्यस्त हो गये थे।
आज हम अपने मम्मा और पिताजी के साथ घूमने गये। पहले हम गये पिताजी के बहुत ही अच्छे दोस्त डा0 दुर्गेश कुमार जी के घर। वहाँ मिली दीदी और देवांश भैया से मुलाकात हुई।

बाएँ से हम, देवांश भइया, मिली दीदी

उनके साथ हम खूब खेले, बड़ा मजा आया।
बाद में दीदी और भैया हमारे लिए अपने सारे खिलौने निकाल लाये। मजा तो तब आया जब उन्होंने हमें खिलौनों के बीच बैठाकर हमें भी खिलौनों में शामिल कर दिया।
वहाँ से आने के बाद हम अपनी बुआ के घर भी गये। हमारी दीदी तो बाहर गईं थीं सो हमारे साथ खेलने वाला कोई नहीं था। बुआ के घर थोड़ी ही देर रुके और बापस दादी के पास आ गये।
घूमने में पर आया तो मजा।


2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

कहीं कुछ खाया नहीं?? :)

बड़ी भूख लग आई होगी बिटिया को फिर तो!!

संगीता पुरी ने कहा…

इतना घूमा फिरा .. इतने मजे किए !!