इधर एक दो दिनों से बारिश हो रही है तो मौसम कुछ अच्छा सा हो गया है। अब गर्मी भी कम लग रही है। बाहर खेलने में भी मजा आ रहा है। हम लोग बारिश में नहीं भीगे।
बारिश के कारण दादी कुछ सामान सही करने, कुछ सामान रखने के लिए स्टोर रूम में गईं तो हम भी उनके पीछे हो लिए। वहाँ हमने अपना पुराना घोड़ा देखा। घोड़ा असली वाला नहीं है, वही सी-सॉ करने वाला। बस घोड़ा देखा तो उससे मन हो गया खेलने को।
दादी ने हमारे कहने से उस घोड़े को बाहर निकाला और धोया। घोड़े के नहाने के बाद हम और हमारी छोटी बहिन पौच जी (पलक) उस पर बैठ कर खेलने लगे।
पहले हम आगे बैठे और हमने पिताजी के गाड़ी चलाने की नकल करते हुए अपनी घोड़ानुमा मोटरसाइकिल चलाई। बाद में हम पीछे बैठे और हमारी पौच जी ने गाड़ी चलाई।
घोड़ा अब भी बाहर ही रखा है और हम दोनों बहिनें मौका देखकर उस पर बैठ कर मजा लेती हैं। सचमुच बहुत ही मजा आता है।
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आज पता नहीं क्या हो गया है कोई भी फोटो लोड नहीं हो रही है.....आज की पोस्ट पर आप फोटो नहीं देख पायेंगे....अपने घोड़े के साथ खेलने की फोटो बाद में।
बारिश के कारण दादी कुछ सामान सही करने, कुछ सामान रखने के लिए स्टोर रूम में गईं तो हम भी उनके पीछे हो लिए। वहाँ हमने अपना पुराना घोड़ा देखा। घोड़ा असली वाला नहीं है, वही सी-सॉ करने वाला। बस घोड़ा देखा तो उससे मन हो गया खेलने को।
दादी ने हमारे कहने से उस घोड़े को बाहर निकाला और धोया। घोड़े के नहाने के बाद हम और हमारी छोटी बहिन पौच जी (पलक) उस पर बैठ कर खेलने लगे।
पहले हम आगे बैठे और हमने पिताजी के गाड़ी चलाने की नकल करते हुए अपनी घोड़ानुमा मोटरसाइकिल चलाई। बाद में हम पीछे बैठे और हमारी पौच जी ने गाड़ी चलाई।
घोड़ा अब भी बाहर ही रखा है और हम दोनों बहिनें मौका देखकर उस पर बैठ कर मजा लेती हैं। सचमुच बहुत ही मजा आता है।
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आज पता नहीं क्या हो गया है कोई भी फोटो लोड नहीं हो रही है.....आज की पोस्ट पर आप फोटो नहीं देख पायेंगे....अपने घोड़े के साथ खेलने की फोटो बाद में।
9 टिप्पणियां:
very funny post
मस्त, जल्दी से फोटो लगा दो..
प्यार
मजेदार घोडा ..अब तो फोटो भी देखनी पड़ेगी.
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पाखी की दुनिया के एक साल पूरे
चल मेरे घोड़े टिम्बक टूं.....घोडा कहाँ तक चला?
चल मेरे घोड़े टिम्बक टूं.....घोडा कहाँ तक चला?
hamen nahin ghumaya tumne, ham to kal ghar bhi aaye the.
khush raho
hamen nahin ghumaya tumne, ham to kal ghar bhi aaye the.
khush raho
बहुत-बहुत बधाई!
आपकी चर्चा तो यहाँ भी है-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/2010.html
हा तुम्हारे फोटोस का इंतज़ार है ..... आज मुजे भी अपने लकड़ी के घोड़े कि याद आरही है जो मै दूर देश मै छोड़ चली आई हू !
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