आप लोगों से लगातार वादा करने के बाद भी हम समय से आपसे मुलाकात नहीं कर पाते हैं। इधर सभी की व्यस्तता होने के कारण हम भी व्यस्त रहे। चलिए जब आये दुरुस्त आये।
इस बीच हमने कहानी कहना भी सीख लिया है। रात को कई बार सोते समय हमारी दादी या फिर हमारी मम्मी हमको कहानी सुनाती रही हैं। उन्हीं की देखादेखी हमने भी कहानी कहना सीख लिया है।
हमने एक दिन अपने पिताजी को बताया कि सुबह छत पर बन्दर का बेबी आया और हमें देखकर कहने लगा कि भागो-भागो परी आ रही है।
इस पर पिताजी ने आगे पूछा कि फिर क्या हुआ?
हमने आगे बताया कि बन्दर का बेबी भाग कर अपनी मम्मी के पास चला गया और बोला बचाओ-बचाओ परी आ रही है।
आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। यह तो आप सभी को मालूम ही है कि हमें घर में कोई अकेला नहीं छोड़ता है। ऐसे में घर की छत पर अकेले छोड़ना तो असम्भव ही है। हमने एक दिन बन्दर को देखा था बस उसी के हिसाब से यह छोटी सी कहानी बना दी।
इस कहानी पर हमारे घर में सभी बहुत हँसे और बोले कि जैसा पिता वैसी बिटिया। हमारे पिताजी भी कुछ न कुछ लिखते ही रहते हैं।
चलिए आपको बताते चलें कि कल हमने उनको हिस्सों में एक छोटी सी कहानी सुनाई। उन्होंने अपने मोबाइल से इसका वीडियो भी बनाया। आप भी देखिये, पता नहीं कैसा लग रहा है?
यह कहानी बाद में सुनायेंगे।
इस बीच हमने कहानी कहना भी सीख लिया है। रात को कई बार सोते समय हमारी दादी या फिर हमारी मम्मी हमको कहानी सुनाती रही हैं। उन्हीं की देखादेखी हमने भी कहानी कहना सीख लिया है।
हमने एक दिन अपने पिताजी को बताया कि सुबह छत पर बन्दर का बेबी आया और हमें देखकर कहने लगा कि भागो-भागो परी आ रही है।
इस पर पिताजी ने आगे पूछा कि फिर क्या हुआ?
हमने आगे बताया कि बन्दर का बेबी भाग कर अपनी मम्मी के पास चला गया और बोला बचाओ-बचाओ परी आ रही है।
आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। यह तो आप सभी को मालूम ही है कि हमें घर में कोई अकेला नहीं छोड़ता है। ऐसे में घर की छत पर अकेले छोड़ना तो असम्भव ही है। हमने एक दिन बन्दर को देखा था बस उसी के हिसाब से यह छोटी सी कहानी बना दी।
इस कहानी पर हमारे घर में सभी बहुत हँसे और बोले कि जैसा पिता वैसी बिटिया। हमारे पिताजी भी कुछ न कुछ लिखते ही रहते हैं।
चलिए आपको बताते चलें कि कल हमने उनको हिस्सों में एक छोटी सी कहानी सुनाई। उन्होंने अपने मोबाइल से इसका वीडियो भी बनाया। आप भी देखिये, पता नहीं कैसा लग रहा है?
यह कहानी बाद में सुनायेंगे।
7 टिप्पणियां:
बढ़िया प्रस्तुति .......
यहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?
bahut sundar baat kahi, bilkul apne pita ki tarah
asheesh
सुनाना जरुर!
कहानी कहना एक कला है, औ मुझे विश्वास है कि अक्षयांशी एक दिन इस क्षेत्र में भी नाम कमाएगी।
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प्यार का तावीज..
सर्प दंश से कैसे बचा जा सकता है?
sahee hai , caary on
bahut sahi hai, sunao kahani ham jaroor sunenge
वहुत प्यारा.. बहुत प्यारा... बहुत प्यारा...
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