आप सभी को ये तो हमने बताया ही था कि हम अब स्कूल जाने लगे हैं। हमारा एडमीशन
हमारे घर के पास बने एक बहुत अच्छे से स्कूल में करवा दिया गया है। शुरू में एक-दो
दिन तो हमें बहुत बुरा लगा था स्कूल जाने में....वहां जाकर थोड़ा सा रोये भी
थे....बहुत नहीं बस थोड़ा सा।
स्कूल जाना हमें कभी भी खराब नहीं लगा और न ही हमने किसी दिन जाने के लिए मना
किया पर पता नहीं क्यों वहां अन्दर पहुंचकर थोड़ा-थोड़ा खराब लगने लगता था। अब कई
दिन हो गये हैं स्कूल जाते-जाते तो हमें वहां अब बहुत मजा आने लगा है।
वहां हमको घर पर करने के लिए काम भी मिलता है। अभी स्कूल में कम-कम लिखने को
दिया जा रहा है। आपको पता है, हमारी मम्मी ने हमें स्कूल में भेजने के पहले ही पूरी ए,
बी, सी, डी सिखा दी थी; हिन्दी में भी अ, आ, इ, ई सिखा दिया था, क, ख, ग और च, छ, ज तक...इसके अलावा गिनती भी पूरे 20 तक सिखा दी थी। सब कुछ लिखना भी पढ़ना भी। अभी स्कूल में
किसी दिन सिर्फ 1 लिखने को मिलता है, तो किसी दिन सिर्फ अ...कभी सिर्फ ए...और ये सब हमें बहुत
अच्छे से आता है तो हम घर में और स्कूल में फटाफट कर लेते हैं।
आज हमारी स्कूल की मैडम जी ने हमारी घर के काम की कॉपी को चेक किया तो उसमें
उन्होंने वेरी गुड भी दिया। बहुत अच्छा लगा..इसके साथ ही उन्होंने अपने रेड पेन से
हमारी कॉपी में हमारे लिए अंगूर बना दिये, आइस्क्रीम बना दी और एक कॉपी में स्टार बना दिया।
सच्ची..बहुत मजा आया देखकर। अब हम और अच्छे से अपना काम करेंगे,
जिससे और बहुत सारे गुड मिलें,
वेरी गुड मिलें...।
2 टिप्पणियां:
आज 27/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
ऐसे ही वेरी गुड लाते रहिए .... शुभकामनायें
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