रक्षाबंधन का पर्व भाई बहिन के पावन प्रेम का पर्व है। इस बार हमें सानू भाई जी को राखी बाँधने में अच्छा लगा, पिछली बार छोटे होने के कारण हम सही से अपने आप राखी नहीं बाँध पाए थे।
इस बार हमने खुद राखी बाँधी, देखिये
गाँठ बाँधने में मम्मी ने मदद कर दी थी पर टीका हमने लगाया और राखी भी कलाई पर हम ही ने रखी और बाँधी। गाँठ लग जाने के बाद हमने देखा सही से कि गाँठ ठीक बाँधी है मम्मी ने या नहीं।
राखी बाँधने के बाद हमने सानू भाई जी को मिठाई भी खिलाई।
हमसे मिठाई खाने के बाद सानू भाई जी ने हमें भी मिठाई खिलाई।
हमारी छोटी बहिन पलक ने भी सानू भाई जी को राखी बाँधी। ये देखो चाची उसकी मदद कर रही हैं, टीका लगाने में। अरे अभी पलक छोटी है न।
चाची ने उसका हाथ पकड़ के रखी बंधवा दी। देखो पलक खुश भी लग रही है। इस साल तो चाची ने उसकी मदद कर दी पर अगले साल वो हमारे साथ ही मिल कर अपने आप राखी बाँधा करेगी।
इस वर्ष के बाद अब अगले वर्ष का इंतज़ार है।
9 टिप्पणियां:
RAKHI KI SHUBHKAMNAYEN. BITIYA RANI HAMESHA KHUSH RAHO AUR APNI CHHOTI BAHIN KO BHI RAKHO.
RAKHI KI SHUBHKAMNAYEN. BITIYA RANI HAMESHA KHUSH RAHO AUR APNI CHHOTI BAHIN KO BHI RAKHO.
आप बहुत ही अच्छा लिख रहे हो. अब तो सुन्दर सा काम भी करने लगे हो. राखी अच्छे से बाँधी है. आशीष
क्या आपनी अपने भाई जी को टीका नहीं लगाया था? दिख नहीं रहा कहीं.
चित्रों के साथ आपकी अभिव्यक्ति सुन्दर लगी ,
- विजय
बहुत सुन्दर, तुमने कब राखी बाँधी? हम कहाँ थे? सुन्दर, लगता है खूब तैयारी की थी तुमने
बहुत सुन्दर, तुमने कब राखी बाँधी? हम कहाँ थे? सुन्दर, लगता है खूब तैयारी की थी तुमने
रक्षाबंधन तो कित्ता प्यारा त्यौहार है...ढेर सारी बधाइयाँ. आपके फोटो न्यारे-न्यारे.
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"पाखी की दुनिया' में 'मैंने भी नारियल का फल पेड़ से तोडा ...'
तुम्हारी पोस्ट देख कर बहुत अच्छा लगा.
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