अच्छा बताइये आप लोगों में से कितने लोगों को छिपकली से डर लगता है? अरे! आपको डर लगता है? हमें तो नहीं लगता है। हम जब भी छिपकली को देखते हैं तो तुरन्त उसको पकड़ने के लिए दौड़ पड़ते हैं।
दादी कहती हैं कि बहुत बहादुर है। हाँ, हम बड़े बहादुर हैं। एक दिन हम छत पर रोज की तरह खेल रहे थे तभी दो-तीन बन्दर आ गये। सब लोग मिलकर उन्हें भगाने लगे पर हमें तो उन्हें देखना बड़ा अच्छा लग रहा था। हमें लग रहा था कि कोई उन्हें न भगाये और हम उन्हें देखते रहें।
हम जब टी0वी0 में अपने पिताजी के साथ डिस्कवरी सा नेशनल ज्योग्राफिक देखते हैं तो हमें चीते, शेर, भालू आदि जानवर देखने बहुत अच्छे लगते हैं। इन सबक बारे में हमें किताब से हमारे घरवाले बताते रहते हैं।
आपको बतायें, हमारी मम्मी और चाची को तो बहुत डर लगता है छिपकली से। यदि किसी दिन धोखे से कोई छिपकली घर में दिख भी जाये तो वे जब तक उसे भगा नहीं लेतीं तब तक मानती नहीं हैं।
हम तो नहीं डरते....किसी चीज से नहीं डरते। हमारे पिताजी भी नहीं डरते...बाबा भी नहीं डरते थे। नहीं...नहीं छिपकली अकेले से नहीं, वे लोग किसी भी चीज से नहीं डरते।
हमारे पिताजी बताते हैं कि जब वे हास्टल में पढ़ते थे तो उनके दोस्तों ने उन्हें भूत बन कर डराना चाहा था पर वे डरे नहीं थे।
आपको एक मजेदार बात बतायें, हमें एक चीज से बहुत डर लगता है। जब कोई मुड़ी-तुड़ी चीज जैसे छोटा सा कागज का टुकड़ा, दादी, मम्मी, चाची के टूटे बालों का गुच्छा, रस्सी का थोड़ा सा टुकड़ा, तो जब ये हिलता है तो हम डर जाते हैं।
आजकल हमारे मोहल्ले में बन्दर बहुत आ रहे हैं, इस कारण हम घर में अन्दर ही अपने खिलौनों से खेलते रहते हैं। हमारे पास खिलौने भी मजेदार हैं। आपको इनके बारे में बाद में बतायेंगे। ठीक है......।
स्नेह और आशीर्वाद के साथ
23 जुलाई 2009
हमें तो डर बिल्कुल भी नहीं लगता है
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4 टिप्पणियां:
हम तो डरतें है जी...
बहादुर बच्चे डरा नहीं करते. बस, अपनी सुरक्षा करना चाहिये.
आप बहुत बहादुर होने के साथ-साथ बहुत प्यारी भी हो बेटे।
I am very happy to see your photograph.
ऐसे ही अच्छी अच्छी तस्वीरें डालती रहना ब्लाग पर।
धत्त.. छिपकली से डर नहीं लगता और बेकार चीजों से डरती हो?
फिर कैसे बहादुर हुई भला?
:)
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